प्लेटफार्म क्रमांक एक के इस आखरी छोर की तरफ मुख्य द्वार बन जाये तो शहर का नक्शा ही बदल जायेगा
कटनी -रेलवे स्टेशन शहर के बीच में स्थित है इसलिए जनसामान्य को शहर के बीच से होकर न चाहते हुए भी आना जाना पड़ता है फिलहाल रेलवे स्टेशन के पास काफी जगह खाली पड़ी है जिसका इस्तेमाल रेलवे भी पूरी तरह नहीं कर पा रहा है . रेलवे अगर स्टेशन का मुख्य द्वार प्लेटफोर्म क्रमांक एक के आखरी छोर की तरफ बना देता है तो फिर स्टेशन आने जाने वाले पूरी तरह से वी आई पी रोड का इस्तेमाल करेंगे और कटनी रेलवे स्टेशन भी भव्य रूप में आ सकता है अभी स्टेशन का मुख्य द्वार बीच में होने के कारण सारा यातायात दबाव सुभाष चैक वाली सड़क पर ही है अगर मुख्य द्वार प्लेटफोर्म क्रमांक एक के आखरी छोर तरफ बन गया तो मुडवारा स्टेशन और मुख्य स्टेशन बिलकुल आमने सामने दिखेंगे और पास भी हो जायेंगे लेकिन इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के इस विभाग के बीच बेहतर तालमेल और दूरदर्शिता की सोच अत्यंत जरुरी है कटनी शहर की वर्तमान भौगोलिक स्थिति के कारण उत्पन समस्या का निदान बिना रेलवे की सहभागिता के फिलहाल तो नहीं दिख रहा . कटनी जिले के विधायक , सांसदों को इस और दूरदर्शिता की दृष्टि से देखना पड़ेगा अन्यथा बाद के वर्षो में बढते यातायात को संभाल पाना टेढ़ी खीर साबित होगा स्थानीय प्रशासन के लिए
शहर को अगर विकास की दृष्टि से देखा जाये तो विकास कुछ भी नहीं हुआ है और न ही यहाँ के जनप्रतिनिधियो में वो जुझारूपन है जिसकी शहर को सख्त जरुरत है . खिरहनी ओवर ब्रिज कछुआ रफ्तार से बन रहा है फिर भी यह लाभदायक सिद्ध होगा . इसी तरह से शहर को और भी ऐसे कार्यो की समय रहते जरुरत है अन्यथा आने वाले समय में शहर की यातायात व्यवस्था विस्फोटक स्थिति में आ जाएगी . शहर का मुख्य मार्ग मिशन चैक से सुभाष चैक होकर रेलवे स्टेशन की और जाता है इसलिए इसपर यातायात दबाव अत्यधिक है वर्तमान और भविष्य को देखते हुए जबलपुर रोड तरफ से आने वाला यातायात दबाव मुडवारा स्टेशन होते हुए वीआइपी रोड पर डाला जा सकता है . मिशन चैक अन्डर ब्रिज होते हुए मुडवारा स्टेशन होकर सीधे रेलवे स्टेशन जाया जा सकता है . एसीसी, ऑर्डनेन्स फेक्टरी, माधव नगर , जबलपुर रोड तरफ से आने वाले वहां इस मार्ग से होकर जाये तो शहर के भीतर यातायात दबाव बहुत हद तक सही रहेगा . अभी आंशिक रूप से इस मार्ग का प्रयोग किया जा रहा है जो प्रयाप्त नहीं है .
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