में एक नाम मात्र की सड़क हू ... सालो से इसी हालत में हू ... रोज हजारो लोग मुझ पर से गुजरते है ...किसी की साइकल ख़राब हो जाती है तो किसी की ...अब सबकी सुनाने बैठूंगी तो सालो लग जायेंगे ...इसलिए अभी मेरी भर सुनलो ... एक दिन लाव - लश्कर लेकर भारतीय जनता पार्टी के बहुत बड़े बड़े नेता आये थे ... कह रहे थे सिर्फ तुम्हारे लिए आये है ... भूमिपूजन करने आये है तेरा और तुम पर पर चार करोड़ रुपया खर्च कर ...तुम्हे ऊपर से नीचे तक पूरा जवान बनायेंगे ... मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा तब ... उसके बाद कई मौसम गुजर गए ... कोई फिर आया नहीं ... मेरी हालत तो और ... मुझे अपनी चिंता नहीं ... इंसानों की चिंता है ...और इंसानों को अपनी ।
में एक नाम मात्र की सड़क हू ... सालो से इसी हालत में हू ... रोज हजारो लोग मुझ पर से गुजरते है ...किसी की साइकल ख़राब हो जाती है तो किसी की ...अब सबकी सुनाने बैठूंगी तो सालो लग जायेंगे ...इसलिए अभी मेरी भर सुनलो ... एक दिन लाव - लश्कर लेकर भारतीय जनता पार्टी के बहुत बड़े बड़े नेता आये थे ... कह रहे थे सिर्फ तुम्हारे लिए आये है ... भूमिपूजन करने आये है तेरा और तुम पर पर चार करोड़ रुपया खर्च कर ...तुम्हे ऊपर से नीचे तक पूरा जवान बनायेंगे ... मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा तब ... उसके बाद कई मौसम गुजर गए ... कोई फिर आया नहीं ... मेरी हालत तो और ... मुझे अपनी चिंता नहीं ... इंसानों की चिंता है ...और इंसानों को अपनी ।
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