कटनी - गरीबो के लिए योजनाये तो बहुत अच्छी बनती है लेकिन पूरी होते होते उसके लाभ का प्रतिशत बहुत कम रह जाता है क्योकि इस बीच कमीशनखोरी का लालच, भ्रस्टाचार रूप में ज्यादा लाभ तो बीच के लोग खुद ही डकार जाते है । नगर निगम द्वारा माधव नगर स्टेशन के पास इंदिरानगर व पड़रवारा बस्ती में IHSDP (Integrated Housing & Slum Development Programme ) योजना के अंतर्गत गरीब वर्ग के लिए १९८ मकान आठ करोड़ पचीस लाख रुपये की लागत से बनाये तो जा रहे है लेकिन यह ज्यादा समय तक टिकने वाले तो नहीं लग रहे । जबकि इसके लिए खर्च की जाने वाली लागत राशि मकानों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त है । छोटी सी जगह में गरीब परिवारों के लिए बनाये जा रहे मकानों को थोडा कुरेदने भर से तो यही लगता है । रेता में सीमेंट की मात्रा का प्रयोग कम हुआ स्पस्ट जान पड़ता है और ऊपर से पानी की तराई भी कम हुई जान पड़ती है ,भवनों के सामने बनी सीमेंट सड़क तो फिलहाल ठीक जान पड़ती है हालाकि अभी इसपर कोई दबाव नहीं है । अभी भी यह कार्य चल रहा है इसलिए इसकी गुणवत्ता का ध्यान देना बहुत जरूरी है अन्यथा बाद के सालो में इसका भी वही हाल होगा जा बन चुके मकानों का लग रहा है ।आज करोडो में खर्च की जाने वाली रकम का सही सदुपयोग होना बहुत जरूरी है अन्यथा गरीब वर्ग को इससे कोई खास लाभ होने वाला नहीं ।
कटनी - गरीबो के लिए योजनाये तो बहुत अच्छी बनती है लेकिन पूरी होते होते उसके लाभ का प्रतिशत बहुत कम रह जाता है क्योकि इस बीच कमीशनखोरी का लालच, भ्रस्टाचार रूप में ज्यादा लाभ तो बीच के लोग खुद ही डकार जाते है । नगर निगम द्वारा माधव नगर स्टेशन के पास इंदिरानगर व पड़रवारा बस्ती में IHSDP (Integrated Housing & Slum Development Programme ) योजना के अंतर्गत गरीब वर्ग के लिए १९८ मकान आठ करोड़ पचीस लाख रुपये की लागत से बनाये तो जा रहे है लेकिन यह ज्यादा समय तक टिकने वाले तो नहीं लग रहे । जबकि इसके लिए खर्च की जाने वाली लागत राशि मकानों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त है । छोटी सी जगह में गरीब परिवारों के लिए बनाये जा रहे मकानों को थोडा कुरेदने भर से तो यही लगता है । रेता में सीमेंट की मात्रा का प्रयोग कम हुआ स्पस्ट जान पड़ता है और ऊपर से पानी की तराई भी कम हुई जान पड़ती है ,भवनों के सामने बनी सीमेंट सड़क तो फिलहाल ठीक जान पड़ती है हालाकि अभी इसपर कोई दबाव नहीं है । अभी भी यह कार्य चल रहा है इसलिए इसकी गुणवत्ता का ध्यान देना बहुत जरूरी है अन्यथा बाद के सालो में इसका भी वही हाल होगा जा बन चुके मकानों का लग रहा है ।आज करोडो में खर्च की जाने वाली रकम का सही सदुपयोग होना बहुत जरूरी है अन्यथा गरीब वर्ग को इससे कोई खास लाभ होने वाला नहीं ।
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