मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सम्मानजनक मुआवजा दिलाने और इस संबंध में मंत्री समूह की बैठक में गैस पीड़ितों की माँग पर उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया है। भोपाल गैस त्रासदी पर गठित मंत्री समूह के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदंबरम को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने 13 जनवरी 2012 को होने वाली बैठक में गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में केन्द्र से अनुरोध किया है कि मृत्यु श्रेणी में दावों का जो वर्गीकरण किया गया है, उसमें मृत व्यक्ति को स्थाई एवं आंशिक निःशक्तता की श्रेणी में माना गया है। इसी प्रकार कुछ अन्य मामलों में मृत्यु का कारण गैस प्रभाव न मानते हुए उन्हें सामान्य वर्ग में माना गया है, यह वर्गीकरण न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता है। अतः 10 हजार 047 प्रकरणों को मृतक श्रेणी में मानकर ही इनको भी 10 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाये ताकि गैस त्रासदी में मृत श्रेणी के कुल 15 हजार 342 प्रकरणों में आश्रितों को न्यायसंगत निर्णय मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त 5 लाख 21 हजार 332 व्यक्ति जो वास्तव में आंशिक गैस पीड़ितों की श्रेणी में थे इन्हें अतिरिक्त मुआवजा प्रदान करने की कोई अनुशंसा नहीं की गई है, इन प्रकरणों पर भी उचित विचार करते हुए मुआवजा दिलाया जाये, ताकि गैस पीड़ितों को न्याय प्राप्त हो सके।
मंत्री समूह की प्रथम बैठक 18-21 जून, 2010 को आयोजित की गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार की ओर से भोपाल शहर के गैस पीड़ितों को उचित एवं सम्मानजनक मुआवजा दिलाने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया गया था और यह मांग की गई थी कि गैस दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को 10 लाख रूपये एवं गैस प्रभावित व्यक्तियों को 5 लाख रूपये लाख का मुआवजा भारत सरकार द्वारा दिया जाये।
मंत्री समूह की बैठकों में 5 लाख 74 हजार 376 गैस पीड़ितों में से कुल 48 हजार 694 प्रकरण में विभिन्न श्रेणियों में अतिरिक्त अनुग्रह राशि, पूर्व में प्रदान की गई मुआवजा राशि को घटाकर, वृद्धि की जाकर भुगतान करने की अनुशंसा की गई।
इस परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पहले भी 24 जून 2010 एव दिनांक 08 दिसम्बर 2011 के माध्यम से प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से इस मुद्दे पर अनुरोध किया गया है।
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