मुझे इस बात का पक्का यकीन है कि अपराधी प्रवर्ती के इटन ने मन्नू भारती कि हत्या करने के लिए कटनी कचहरी परिसर जैसा स्थान जानबूझकर चुना ताकि उसकी दहशत शहर में कायम हो जाये । दिनदहाड़े कचहरी परिसर के बाहर कनपटी पर गोली मरने का उद्देश्य मृतक मन्नू और इटन के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई ही थी। फ़िलहाल जेल में बंद इटन अवैध उत्खनन , शराब माफिया आदि दो नम्बर के कारोबार करने वालो का सहयोगी रहा है । यही लोग इटन जैसे अपराधियो को पालते पोसते है और अपना काम निकलवाते है । जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से अवैध उत्खनन करने वालो के खिलाफ कार्यवाही भी कर रहा था जिसके चलते इसमें संलग्न तत्वों पर अंकुश लग गया था । हत्या जैसा अपराध करने वालो से आम शरीफ आदमी वैसे ही घबराता है । कटनी जिले में किस्सू तिवारी का नाम लगभग हर आदमी जानता है । आधा दर्जन से ज्यादा हत्या व हाथ काटने वाला यह खूंखार सालो से फरार घोषित है । पुलिस के बड़े अफसर भी किस्सू तिवारी के नाम से कापते है , शहर के लोग भी दबी जुबान से ही इसका लेते है । सालो से शांत पड़ी कटनी अब पुनः जघन्य अपराधो की वजह से चर्चा में आ गयी है ।
मुझे इस बात का पक्का यकीन है कि अपराधी प्रवर्ती के इटन ने मन्नू भारती कि हत्या करने के लिए कटनी कचहरी परिसर जैसा स्थान जानबूझकर चुना ताकि उसकी दहशत शहर में कायम हो जाये । दिनदहाड़े कचहरी परिसर के बाहर कनपटी पर गोली मरने का उद्देश्य मृतक मन्नू और इटन के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई ही थी। फ़िलहाल जेल में बंद इटन अवैध उत्खनन , शराब माफिया आदि दो नम्बर के कारोबार करने वालो का सहयोगी रहा है । यही लोग इटन जैसे अपराधियो को पालते पोसते है और अपना काम निकलवाते है । जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से अवैध उत्खनन करने वालो के खिलाफ कार्यवाही भी कर रहा था जिसके चलते इसमें संलग्न तत्वों पर अंकुश लग गया था । हत्या जैसा अपराध करने वालो से आम शरीफ आदमी वैसे ही घबराता है । कटनी जिले में किस्सू तिवारी का नाम लगभग हर आदमी जानता है । आधा दर्जन से ज्यादा हत्या व हाथ काटने वाला यह खूंखार सालो से फरार घोषित है । पुलिस के बड़े अफसर भी किस्सू तिवारी के नाम से कापते है , शहर के लोग भी दबी जुबान से ही इसका लेते है । सालो से शांत पड़ी कटनी अब पुनः जघन्य अपराधो की वजह से चर्चा में आ गयी है ।
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