शिक्षक दिवस के अवसर पर भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि गाँवों में जहाँ स्कूल बनेंगे वही पर शिक्षकों के लिये आवास भी बनाये जायेंगे। शिक्षकों की सेवा शर्तें और बेहतर बनायी जायेंगी और कहा है कि केवल कानून बनाने से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा। भ्रष्टाचार मनुष्य को मनुष्य बनाने से समाप्त होगा और यह काम शिक्षा से ही होगा। कर्मठ, चरित्रवान, ईमानदार और देशभक्त मनुष्यों के निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षकों की है शिक्षक भावी राष्ट्र के निर्माता हैं। शिक्षक बच्चों को संस्कार और शिक्षा देकर उनके जीवन को सार्थक बनाते हैं। सच्चा गुरू जीवन की दिशा बदल देता है। आज देश को सच्चे गुरूओं की आवश्यकता है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। बच्चों को सम्पूर्ण ज्ञान देना चाहिये। इसीलिये प्रदेश में स्कूली पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम के वीर नायकों के जीवन परिचय के साथ कृषि, पर्यावरण, प्रकृति के बारे में भी जानकारी जोड़ी जायेगी।
शिक्षा पद्धति भारतीय जीवन-दर्शन, मूल्य, परम्पराओं और संस्कारों को बनाये रखने वाली होना चाहिये। इसके लिये शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन करना होगा। शिक्षा के साथ खेल भी जरूरी है इसके लिये खेल मैदानों को सुरक्षित रखना होगा। उन्होंने कहा कि देश में बेटियों की संख्या तेजी से कम हो रही है, इसे देखते हुए प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें शिक्षक भी सक्रिय सहयोग करें, बेटी रहेगी तो दुनिया रहेगी। राज्य सरकार ने तय किया है कि जिन दंपत्तियों के केवल बेटियाँ हैं, उन्हें पचपन वर्ष की उम्र के बाद पेंशन दी जायेगी।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा ली जाने वाली फीस के निर्धारण के लिये नियामक आयोग बनाया जायेगा। सरकारी स्कूलों को गुणवत्ता की दृष्टि से निजी विद्यालयों से बेहतर बनाया जायेगा। शिक्षा में गुणवत्ता के सुधार के लिये अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाये और स्कूलों में ‘मध्यप्रदेश गान’ का गायन किया जाये।मुख्यमंत्री ने जो विचार व्यक्त किये और शिक्षा के लिए जो कदम उठाने की बात की है अगर वह सही और पूरे उठाये जाते है तो यह आगे चलके बहुत अच्छे परिणाम देंगे ।
शिक्षा पद्धति भारतीय जीवन-दर्शन, मूल्य, परम्पराओं और संस्कारों को बनाये रखने वाली होना चाहिये। इसके लिये शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन करना होगा। शिक्षा के साथ खेल भी जरूरी है इसके लिये खेल मैदानों को सुरक्षित रखना होगा। उन्होंने कहा कि देश में बेटियों की संख्या तेजी से कम हो रही है, इसे देखते हुए प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें शिक्षक भी सक्रिय सहयोग करें, बेटी रहेगी तो दुनिया रहेगी। राज्य सरकार ने तय किया है कि जिन दंपत्तियों के केवल बेटियाँ हैं, उन्हें पचपन वर्ष की उम्र के बाद पेंशन दी जायेगी।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा ली जाने वाली फीस के निर्धारण के लिये नियामक आयोग बनाया जायेगा। सरकारी स्कूलों को गुणवत्ता की दृष्टि से निजी विद्यालयों से बेहतर बनाया जायेगा। शिक्षा में गुणवत्ता के सुधार के लिये अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाये और स्कूलों में ‘मध्यप्रदेश गान’ का गायन किया जाये।मुख्यमंत्री ने जो विचार व्यक्त किये और शिक्षा के लिए जो कदम उठाने की बात की है अगर वह सही और पूरे उठाये जाते है तो यह आगे चलके बहुत अच्छे परिणाम देंगे ।
Comments
Post a Comment