संसद में अपनी तीन मांगों का प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे ने 13वें दिन 288 घंटे लंबा अपना अनशन खत्म कर दिया। पश्चिमी दिल्ली के सुंदर नगर की 5 साल की सिमरन और इकरा ने 10.20 बजे शहद मिश्रित नारियल पानी पिलाकर अन्ना का अनशन खत्म करवाया।
अनशन तोड़ने के बाद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि उन्होंने अपना अनशन सिर्फ स्थगित किया है लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। असली अनशन पूरी लड़ाई जीतने के बाद ही टूटेगा।
जीत की खुशी ने अन्ना के चेहरे से थकान की रेखाएं मिटा दी थी। अन्ना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जनता के मुद्दों से संसद इंकार नहीं करेगी, लेकिन यदि संसद ने इंकार किया, तो जन संसद को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आज यह बात साबित हो गई है कि जन संसद, दिल्ली की संसद से बड़ी है। जन संसद जो चाहेगी, दिल्ली की संसद को उसे मानना होगा।
अन्ना ने कहा कि हमें बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान के तहत इस देश में परिवर्तन लाना है। आज यह साबित हो गया है कि परिवर्तन लाया जा सकता है। हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
अन्ना ने कहा कि आज सत्ता के केंद्रीकरण के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा है। सारी सत्ता मंत्रालयों में है। हमें सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा। ग्रामसभाओं को मजबूत करना होगा। तभी सच्चा लोकतंत्र स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआत है। लंबी लड़ाई आगे है। किसानों का सवाल है, मजदूरों का सवाल है। पर्यावरण, पानी, तेल जैसे तमाम मुद्दे हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा का सवाल है। हमें चुनाव सुधार भी करने हैं। पूरी व्यवस्था बदलनी है। हमारा असली अनशन इस पूरे बदलाव के बाद ही टूटेगा।
उन्होंने कहा कि आज देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ, लेकिन पूरी तरह अहिंसक। दुनिया के सामने आप सभी ने मिसाल रखी है कि आंदोलन कैसे करना चाहिए। इस आंदोलन की यह सबसे महत्वपूर्ण बात रही है। अन्ना ने लोगों को अपने जीवन में कथनी और करनी में समानता लाने को कहा।
इसके पहले उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने में देश की जनता, खासतौर से युवाओं, मीडिया, पुलिस और उनकी देख-रेख में लगे चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
अन्ना हजारे के अनशन तोड़ने से पूर्व उनके प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए देशवासियों के साथ ही सांसदों और राजनीतिक पार्टियों का भी शुक्रिया अदा किया।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर बधाई देते हुए कहा कि हम अपने प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने पहल की और अन्ना को पत्र लिखकर अपनी सहमति व्यक्त की।
केजरीवाल ने कहा कि हम देश के सभी सांसदों और राजनीतिक पार्टियों का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने जनभावनाओं का ख्याल करते हुए हमारी मांगों पर सर्वसम्मति से सदन में सहमति प्रकट की।
अन्ना के इस आंदोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केजरीवाल ने कहा कि चिकित्सकों ने अन्ना को अनशन समाप्त करने के बाद दो-तीन दिन तक अस्पताल में रहने की सलाह दी है और वह यहां से सीधा अस्पताल जाएंगे।
केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम का आभार जताते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम ने जिस तरह से 13 दिनों तक इस मैदान की साफ सफाई की, उसके लिए मैं निगम के उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दिन-रात परिश्रम किया।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली पुलिस ने काफी शानदार काम किया है। हम उन पुलिसकर्मियों का भी शुक्रिया अदा करते हैं, जो हमें गिरफ्तार कर जेल ले गए। यह उनका कसूर नहीं था, वे तो सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
केजरीवाल ने कहा कि तिहाड़ जेल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने जिस तरह से अन्ना के साथ व्यवहार किया उसके लिए हम उनका भी शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने अन्ना समर्थकों से शाम छह बजे इंडिया गेट पर जमा होकर शांतिपूर्ण तरीके से जश्न मनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि यह मुहिम अब ऐसे ही चलती रहेगी। भविष्य में हम 'राइट टू रिकॉल, राइट टू रिजेक्ट' और न्यायिक सुधारों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
ज्ञात हो कि अन्ना प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर गत 16 अगस्त से अनशन पर थे। पहले ही दिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हालांकि उसी दिन शाम को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन वह अपनी शर्तो पर 19 अगस्त को रामलीला मैदान पहुंचे। संसद ने 27 अगस्त को अन्ना की प्रमुख तीन मांगों पर प्रस्ताव पारित किया और रविवार सुबह अन्ना ने अनशन समाप्त कर दिया।
रामलीला मैदान पर चार गुणा छह फुट की जगह में सोते थे हजारे
-सादगी अन्ना हज़ारे की शख्सियत का एक मजबूत पक्ष रही है। रामलीला मैदान पर अपने अनशन के दौरान भी हजारे का यही पहलू नजर आया। वह अपने समर्थकों को संबोधित करने के बाद मंच के ठीक पीछे बनाई गई चार गुणा छह फुट की छोटी सी जगह में सोते थे।
हजारे ने 12 दिन के उपवास के बाद आज सुबह आखिरकार अपना अनशन तोड़ दिया। अनशन टूटते ही हजारे अस्पताल के लिए रवाना हो गए, लेकिन जिस मंच पर वह अपनी गिरती सेहत के बावजूद 10 दिन तक मजबूत इरादे के साथ डटे रहे, वहां मीडिया पहुंच गया।
हजारे के करीबी कार्यकर्ताओं ने उस स्थान के बारे में बताया जहां हजारे दिन में कुछ वक्त गुजारते थे और रात को सोते थे। रामलीला मैदान पर बने मंच को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। मंच के पीछे वाले हिस्से में सीढि़यों के नजदीक चार गुणा छह फुट की जगह बनाई गई थी, जिसमें हजारे के लिए एक छोटी चारपाई रखी हुई थी। चारपाई के पीछे तिरंगा लगाया गया था और वहां एक कूलर भी रखा था।
हजारे रात के समय इसी छोटी सी जगह में सोते थे। वहां कोई टीवी नहीं था। हजारे को देश की हलचलों के बारे में अपने साथी कार्यकर्ताओं से ही पता चलता था। मंच के पीछे दाहिनी ओर निगरानी कक्ष बना था, जिसमें एक टीवी रखा था। इस टीवी के जरिए ही हजारे की कोर समिति के सदस्य खबरों पर नजर रखते थे। बाईं ओर भी एक कक्ष बना था, जिसमें बैठकें हुआ करती थीं और अतिविशिष्ट व्यक्ति वहीं इंतजार करते थे।
अनशन तोड़ने के बाद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि उन्होंने अपना अनशन सिर्फ स्थगित किया है लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। असली अनशन पूरी लड़ाई जीतने के बाद ही टूटेगा।
जीत की खुशी ने अन्ना के चेहरे से थकान की रेखाएं मिटा दी थी। अन्ना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जनता के मुद्दों से संसद इंकार नहीं करेगी, लेकिन यदि संसद ने इंकार किया, तो जन संसद को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आज यह बात साबित हो गई है कि जन संसद, दिल्ली की संसद से बड़ी है। जन संसद जो चाहेगी, दिल्ली की संसद को उसे मानना होगा।
अन्ना ने कहा कि हमें बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान के तहत इस देश में परिवर्तन लाना है। आज यह साबित हो गया है कि परिवर्तन लाया जा सकता है। हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
अन्ना ने कहा कि आज सत्ता के केंद्रीकरण के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा है। सारी सत्ता मंत्रालयों में है। हमें सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा। ग्रामसभाओं को मजबूत करना होगा। तभी सच्चा लोकतंत्र स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआत है। लंबी लड़ाई आगे है। किसानों का सवाल है, मजदूरों का सवाल है। पर्यावरण, पानी, तेल जैसे तमाम मुद्दे हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा का सवाल है। हमें चुनाव सुधार भी करने हैं। पूरी व्यवस्था बदलनी है। हमारा असली अनशन इस पूरे बदलाव के बाद ही टूटेगा।
उन्होंने कहा कि आज देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ, लेकिन पूरी तरह अहिंसक। दुनिया के सामने आप सभी ने मिसाल रखी है कि आंदोलन कैसे करना चाहिए। इस आंदोलन की यह सबसे महत्वपूर्ण बात रही है। अन्ना ने लोगों को अपने जीवन में कथनी और करनी में समानता लाने को कहा।
इसके पहले उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने में देश की जनता, खासतौर से युवाओं, मीडिया, पुलिस और उनकी देख-रेख में लगे चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
अन्ना हजारे के अनशन तोड़ने से पूर्व उनके प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए देशवासियों के साथ ही सांसदों और राजनीतिक पार्टियों का भी शुक्रिया अदा किया।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर बधाई देते हुए कहा कि हम अपने प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने पहल की और अन्ना को पत्र लिखकर अपनी सहमति व्यक्त की।
केजरीवाल ने कहा कि हम देश के सभी सांसदों और राजनीतिक पार्टियों का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने जनभावनाओं का ख्याल करते हुए हमारी मांगों पर सर्वसम्मति से सदन में सहमति प्रकट की।
अन्ना के इस आंदोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केजरीवाल ने कहा कि चिकित्सकों ने अन्ना को अनशन समाप्त करने के बाद दो-तीन दिन तक अस्पताल में रहने की सलाह दी है और वह यहां से सीधा अस्पताल जाएंगे।
केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम का आभार जताते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम ने जिस तरह से 13 दिनों तक इस मैदान की साफ सफाई की, उसके लिए मैं निगम के उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दिन-रात परिश्रम किया।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली पुलिस ने काफी शानदार काम किया है। हम उन पुलिसकर्मियों का भी शुक्रिया अदा करते हैं, जो हमें गिरफ्तार कर जेल ले गए। यह उनका कसूर नहीं था, वे तो सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
केजरीवाल ने कहा कि तिहाड़ जेल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने जिस तरह से अन्ना के साथ व्यवहार किया उसके लिए हम उनका भी शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने अन्ना समर्थकों से शाम छह बजे इंडिया गेट पर जमा होकर शांतिपूर्ण तरीके से जश्न मनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि यह मुहिम अब ऐसे ही चलती रहेगी। भविष्य में हम 'राइट टू रिकॉल, राइट टू रिजेक्ट' और न्यायिक सुधारों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
ज्ञात हो कि अन्ना प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर गत 16 अगस्त से अनशन पर थे। पहले ही दिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हालांकि उसी दिन शाम को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन वह अपनी शर्तो पर 19 अगस्त को रामलीला मैदान पहुंचे। संसद ने 27 अगस्त को अन्ना की प्रमुख तीन मांगों पर प्रस्ताव पारित किया और रविवार सुबह अन्ना ने अनशन समाप्त कर दिया।
रामलीला मैदान पर चार गुणा छह फुट की जगह में सोते थे हजारे
-सादगी अन्ना हज़ारे की शख्सियत का एक मजबूत पक्ष रही है। रामलीला मैदान पर अपने अनशन के दौरान भी हजारे का यही पहलू नजर आया। वह अपने समर्थकों को संबोधित करने के बाद मंच के ठीक पीछे बनाई गई चार गुणा छह फुट की छोटी सी जगह में सोते थे।
हजारे ने 12 दिन के उपवास के बाद आज सुबह आखिरकार अपना अनशन तोड़ दिया। अनशन टूटते ही हजारे अस्पताल के लिए रवाना हो गए, लेकिन जिस मंच पर वह अपनी गिरती सेहत के बावजूद 10 दिन तक मजबूत इरादे के साथ डटे रहे, वहां मीडिया पहुंच गया।
हजारे के करीबी कार्यकर्ताओं ने उस स्थान के बारे में बताया जहां हजारे दिन में कुछ वक्त गुजारते थे और रात को सोते थे। रामलीला मैदान पर बने मंच को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। मंच के पीछे वाले हिस्से में सीढि़यों के नजदीक चार गुणा छह फुट की जगह बनाई गई थी, जिसमें हजारे के लिए एक छोटी चारपाई रखी हुई थी। चारपाई के पीछे तिरंगा लगाया गया था और वहां एक कूलर भी रखा था।
हजारे रात के समय इसी छोटी सी जगह में सोते थे। वहां कोई टीवी नहीं था। हजारे को देश की हलचलों के बारे में अपने साथी कार्यकर्ताओं से ही पता चलता था। मंच के पीछे दाहिनी ओर निगरानी कक्ष बना था, जिसमें एक टीवी रखा था। इस टीवी के जरिए ही हजारे की कोर समिति के सदस्य खबरों पर नजर रखते थे। बाईं ओर भी एक कक्ष बना था, जिसमें बैठकें हुआ करती थीं और अतिविशिष्ट व्यक्ति वहीं इंतजार करते थे।
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