मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना की मॉनिटरिंग के लिये राज्य स्तरीय समिति गठित की जाये। उन्होंने कहा कि यह राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना की समीक्षा बैठक में दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य की अध्यक्षता में गठित इस समिति में स्वास्थ्य आयुक्त, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और मुख्यमंत्री के सचिव सदस्य रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों को जिंदगी देने वाली इस योजना की प्रकरणवार मॉनिटरिंग करें। योजना की संभाग स्तर पर गठित समितियों की नियमित बैठक हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि संभागीय स्तर पर चिन्हांकित बच्चों की सूची प्रत्येक जिले के कलेक्टरों और महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को दी जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि बच्चों के हृदय की शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ और अनुभवी चिकित्सकों से ही करवायी जाये।
बाल हृदय उपचार के बारे में मेडिकल कॉन्फ्रेंस
बताया गया कि बाल हृदय उपचार योजना के संबंध में भोपाल में राष्ट्रीय मेडिकल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जायेगी। कॉन्फ्रेंस में देश के वरिष्ठ विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों को बुलाया जायेगा। काँन्फ्रेंस में बाल हृदय उपचार की नवीनतम तकनीकों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी दी जायेगी।
38 बच्चों को मिली जिंदगी
बैठक में बताया गया कि योजना के तहत विभिन्न जिलों में 594 हृदय रोग से प्रभावित बच्चों को चिन्हांकित किया जा चुका है। इसमें से 97 बच्चों की सर्जरी के लिये राशि स्वीकृत की जा चुकी है तथा 38 बच्चों के ऑपरेशन किये जा चुके हैं। उपचार के लिये प्रदेश के 11 और प्रदेश से बाहर के 5 चिकित्सा संस्थानों को चिन्हांकित किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री दीपक खांडेकर, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन एवं प्रभारी स्वास्थ्य आयुक्त श्री अश्विनी कुमार राय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के.मिश्रा और श्री विवेक अग्रवाल और निदेशक चिकित्सा शिक्षा श्री एच.सी.तिवारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य की अध्यक्षता में गठित इस समिति में स्वास्थ्य आयुक्त, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और मुख्यमंत्री के सचिव सदस्य रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों को जिंदगी देने वाली इस योजना की प्रकरणवार मॉनिटरिंग करें। योजना की संभाग स्तर पर गठित समितियों की नियमित बैठक हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि संभागीय स्तर पर चिन्हांकित बच्चों की सूची प्रत्येक जिले के कलेक्टरों और महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को दी जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि बच्चों के हृदय की शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ और अनुभवी चिकित्सकों से ही करवायी जाये।
बाल हृदय उपचार के बारे में मेडिकल कॉन्फ्रेंस
बताया गया कि बाल हृदय उपचार योजना के संबंध में भोपाल में राष्ट्रीय मेडिकल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जायेगी। कॉन्फ्रेंस में देश के वरिष्ठ विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों को बुलाया जायेगा। काँन्फ्रेंस में बाल हृदय उपचार की नवीनतम तकनीकों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी दी जायेगी।
38 बच्चों को मिली जिंदगी
बैठक में बताया गया कि योजना के तहत विभिन्न जिलों में 594 हृदय रोग से प्रभावित बच्चों को चिन्हांकित किया जा चुका है। इसमें से 97 बच्चों की सर्जरी के लिये राशि स्वीकृत की जा चुकी है तथा 38 बच्चों के ऑपरेशन किये जा चुके हैं। उपचार के लिये प्रदेश के 11 और प्रदेश से बाहर के 5 चिकित्सा संस्थानों को चिन्हांकित किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री दीपक खांडेकर, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन एवं प्रभारी स्वास्थ्य आयुक्त श्री अश्विनी कुमार राय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के.मिश्रा और श्री विवेक अग्रवाल और निदेशक चिकित्सा शिक्षा श्री एच.सी.तिवारी भी उपस्थित थे।
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