संबल योजना में अंत्येष्टि, प्रसूति सहायता तत्काल रुप में दे, जन कल्याणकारी योजनाओं का करें दीवाल लेखन
कटनी / शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों की समीक्षा जबलपुर संभाग कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर की।
कमिश्नर ने कहा मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुपात में नगरीय निकायों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत व्यक्तियों का न्यूनतम पंजीयन होना चाहिये। नगर निगम आयुक्त ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 33 हजार 172 हितग्राहियों का पंजीयन अब तक संबल योजना में किया जा चुका है। कमिश्नर ने जनपद पंचायत बहोरीबंद में 33 हजार से अधिक हितग्राही अर्थात 20 प्रतिशत पंजीयन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुये इसे 25 प्रतिशत तक ले जाने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने कहा कि संबल योजना की अत्येष्टि सहायता, अनुगृह सहायता, प्रसूति सहायता योजना समय के साथ जुड़ी हैं। इसलिये इसका लाभ तत्कालिक रुप से मिलना चाहिये, तभी योजना का उद्धेश्य और सार्थकता पूरी होगी। उन्होने इस जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये सदृश्य स्थानों पर दीवाल लेखन भी कराने के निर्देश दिये।
अधीक्षण यंत्री विद्युत कंपनी पीके मिश्रा ने बताया कि जिले में 1 लाख 28 हजार उपभोक्ताओं को विद्युत बिल माफी योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिनके 73 करोड़ रुपये के बकाया बिल माफ किये जा रहे हैं। सरल बिजली बिल योजना के तहत अब तक संबल योजना के 45 हजार से अधिक हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। जिन्हें जुलाई माह से 200 रुपये प्रतिमाह फ्लैटरेट पर विद्युत प्रदाय किया जायेगा।
कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने गेहूं उपार्जन का भुगतान, मनरेगा के कार्य और मजदूरी भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, वनाधिकार के पट्टे, खरीफ फसल बोनी और खाद-बीज की उपलब्धता, कृषि ऋण समाधान योजना सहित शासन के विभिन्न जन कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवायें बेहतर रहें। ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सक और स्वास्थ्य अमला समय पर उपस्थित हो। महिला बाल विकास और शिक्षा विभाग का मैदानी अमला तथा कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिये। सभी जिले और विकासखण्ड के अधिकारी भी निरन्तर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करें। राजस्व विभाग के सीमांकन, बटवारा, नामांतरण सहित विभिन्न राजस्व प्रकरण के निराकरण की समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने कहा कि सीमांकन में अच्छा कार्य हुआ है। जिले में सीमांकन के लंबित प्रकरणों की संख्या 1100 से घटकर 280 हो गई है। उन्होने शेष राजस्व के प्रकरण भी शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर केवीएस चौधरी, पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला, सीईओ जिला पंचायत फ्रेंक नोबल ए, अपर कलेक्टर आर उमा माहेश्वरी, वन मण्डलाधिकारी अजय पाण्डेय, आयुक्त नगर निगम टीएस कुमरे, जनपद के सीईओ, नगरीय निकायों के सीएमओ सहित विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
कमिश्नर ने कहा मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुपात में नगरीय निकायों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत व्यक्तियों का न्यूनतम पंजीयन होना चाहिये। नगर निगम आयुक्त ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 33 हजार 172 हितग्राहियों का पंजीयन अब तक संबल योजना में किया जा चुका है। कमिश्नर ने जनपद पंचायत बहोरीबंद में 33 हजार से अधिक हितग्राही अर्थात 20 प्रतिशत पंजीयन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुये इसे 25 प्रतिशत तक ले जाने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने कहा कि संबल योजना की अत्येष्टि सहायता, अनुगृह सहायता, प्रसूति सहायता योजना समय के साथ जुड़ी हैं। इसलिये इसका लाभ तत्कालिक रुप से मिलना चाहिये, तभी योजना का उद्धेश्य और सार्थकता पूरी होगी। उन्होने इस जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये सदृश्य स्थानों पर दीवाल लेखन भी कराने के निर्देश दिये।
अधीक्षण यंत्री विद्युत कंपनी पीके मिश्रा ने बताया कि जिले में 1 लाख 28 हजार उपभोक्ताओं को विद्युत बिल माफी योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिनके 73 करोड़ रुपये के बकाया बिल माफ किये जा रहे हैं। सरल बिजली बिल योजना के तहत अब तक संबल योजना के 45 हजार से अधिक हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। जिन्हें जुलाई माह से 200 रुपये प्रतिमाह फ्लैटरेट पर विद्युत प्रदाय किया जायेगा।
कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने गेहूं उपार्जन का भुगतान, मनरेगा के कार्य और मजदूरी भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, वनाधिकार के पट्टे, खरीफ फसल बोनी और खाद-बीज की उपलब्धता, कृषि ऋण समाधान योजना सहित शासन के विभिन्न जन कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवायें बेहतर रहें। ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सक और स्वास्थ्य अमला समय पर उपस्थित हो। महिला बाल विकास और शिक्षा विभाग का मैदानी अमला तथा कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिये। सभी जिले और विकासखण्ड के अधिकारी भी निरन्तर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करें। राजस्व विभाग के सीमांकन, बटवारा, नामांतरण सहित विभिन्न राजस्व प्रकरण के निराकरण की समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने कहा कि सीमांकन में अच्छा कार्य हुआ है। जिले में सीमांकन के लंबित प्रकरणों की संख्या 1100 से घटकर 280 हो गई है। उन्होने शेष राजस्व के प्रकरण भी शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर केवीएस चौधरी, पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला, सीईओ जिला पंचायत फ्रेंक नोबल ए, अपर कलेक्टर आर उमा माहेश्वरी, वन मण्डलाधिकारी अजय पाण्डेय, आयुक्त नगर निगम टीएस कुमरे, जनपद के सीईओ, नगरीय निकायों के सीएमओ सहित विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
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