अट्ठी लाल बताते हैं कि वर्तमान में वो भिंडी, मटर, मिर्ची, बंधागोभी और शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं। आउट सीजन में सब्जियों का उत्पादन हो और अधिक मूल्य में सब्जियों का विक्रय कर लाभ कमाया जा सके, इसके लिये अट्ठी लाल ने अपने खेत में एक एकड़ पर संरक्षित खेती योजना के तहत शैडनेट हाउस लगवाया है। जिसके लिये उन्हें उद्यानिकी विभाग द्वारा 14 लाख 20 हजार रुपये की अनुदान राशि भी दी गई है। शैडनेट हाउस के साथ ही मल्चिंग और ड्रिप का उपयोग भी सब्जी के बेहतर उत्पादन के लिये अट्ठी लाल द्वारा किया जा रहा है। जोकि शासन मदद से संभव हो पाया है।
इन सब बचत से लाभ की राशि में इजाफा होता है। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी की दिशा में संचालित योजनाओं की सराहना भी अपना अनुभव साझा करते हुये अट्ठी लाल ने की। श्री कुशवाहा ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि मुख्यमंत्री ने खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किये हैं। लेकिन जरुरत है कि हम किसान साथी भी आगे बढ़कर योजनाओं का लाभ लें और खेती से लाभ अर्जित करें। मेरे द्वारा तो सब्जी का बेहतर उत्पादन किया जा रहा है। अधिक लाभ खेती से मिले, इसके लिये आउट सीजन की सब्जी का उत्पादन का प्रयास भी मैं करता हूँ। क्योंकि कटनी के मार्केट के साथ ही हम उमरिया और शहडोल के बाजारों में भी सब्जी का व्यवसाय करते हैं। आउट सीजन सब्जी के उत्पादन में प्रारंभ में कुछ तकनीकी समस्यायें भी आई। लेकिन उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों और प्रगतिशील सब्जी उत्पादकों के गाईडेन्स से इससे निजात भी मिली।
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