28 अक्टूबर के बाद निःशुल्क कोचिंग की खाली सीटों पर प्राईवेट स्कूल्स के विद्यार्थी भी हो सकेंगे शामिल
दो-टूक लहजे में कलेक्टर ने कहा कि कुछ बनने के लिये बलिदान करना होता है। हम यहां आपके बच्चों को कोटा स्तर की कोचिंग निःशुलक उपलब्ध करा रहे हैं। जिसके लिये कोटा में विद्यार्थी जाकर लाखों रुपये खर्च करते हैं। लेकिन आप संजीदा नहीं हैं। आप अभी इस अवसर के महत्व को नहीं समझ रहे हैं। सोचिये, विचार करिये और अपने बच्चो को कोचिंग में भेजिये। निर्णय आपके हाथ में है कि आप अपने बच्चे को एक-दो साल दुलार करके उनका भविष्य बिगाड़ना चाहते हैं या एक-दो साल कड़ी मेहनत कराकर कुछ खुशियों का बलिदान देकर उनका भविष्य संवारना। 28 अक्टूबर तक आपके पास अंतिम मौका है। इसके बाद अनुपस्थित विद्यार्थियों की सीटों पर पुनः ओपन एन्ट्रेन्स एग्जाम होगा। जिसमें प्राईवेट स्कूल के विद्यार्थी भी शामिल हो सकेंगे। उन्होने अभिभावकों को मन मजबूत करके अपने बच्चों को कोचिंग दिलाने के प्रति प्रेरित भी किया।
विद्यार्थियों से रुबरु होते हुये कलेक्टर ने कहा कि अभी समय आपके पास है। आप निर्धारित करें कि अभी मेहनत करके आपको भविष्य सुधारना है या अभी आराम करके आपको भविष्य बिगाड़ना है। आप लोग समझने का प्रयास करें कि अभी लापरवाही बरतकर आप लोग क्या खो रहे हैं। हमें जो नहीं मिला, वो सुविधा मुहैया कराने का प्रयास हमने आप लोगों के लिये किया है।
सुख सुविधा का मोह ना पालने की समझाईश भी विद्यार्थियों को अपने प्रेरक उद्बोधन में श्री गढ़पाले ने दी। इस दौरान कोचिंग में उपस्थित विद्यार्थियों ने भी अपनी जिज्ञासायें कलेक्टर श्री गढ़पाले के समक्ष रखीं। जिसका जवाब उन्होने दिया। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी एस0एन0 पाण्डेय, प्राचार्य विभा श्रीवास्तव और जिला शिक्षा कार्यालय के प्रशान्त चन्पुरिया सहित कोचिंग स्टाफ मौजूद था।
Comments
Post a Comment