ग्राम बिलहरी से आई रंची बाई चौधरी ने अपनी समस्या बताते हुये कलेक्टर से कहा कि मुझे एक-दो वर्षों की वृद्वावस्था पेंशन नहीं मिली है। गांव में भी कोई मदद और जानकारी नहीं मिल रही है। इस पर कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुये इसकी रिपोर्ट कम्प्यूटर से निकालने के निर्देश दिये। जिस पर यह तथ्य सामने आया कि ग्राम पंचायत के जीआरएस की गलती के कारण नवंबर 2015 में इनका नाम कट गया था। जिसके बाद इन्हें अगस्त 2017 से पुनः पेंशन प्रारंभ हो चुकी है। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुये अक्टूबर 2015 से जुलाई 2017 तक की पेंशन जीआरएस और ग्राम पंचायत सचिव के वेतन से रंची बाई को दिलाने के आदेश दिये।
जनपद पंचायत रीठी अंतर्गत ग्राम पंचायत पोंड़ी से अपने पिता रामस्वरुप यादव और माता तुलसा बाई के साथ आई दिव्यांग अजीता यादव ने सहायता के लिये आवेदन जनसुनवाई में दिया। अजीता ने बताया कि वह चलने फिरने में असमर्थ है। इस पर कलेक्टर ने जनसुनवाई में ही सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम दिव्यांग अजीता को व्हीलचेयर उपलब्ध कराई। साथ ही बहु-विकलांग पेंशन योजना के तहत पेंशन दिलाने के लिये निर्देशित किया।
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत फ्रेंक नोबल ए और नगर निगम आयुक्त संजय जैन ने जनसुनवाई में आये आवेदकों की समस्यायें सुनीं। साथ ही उनके निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकरियों को दिये।
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