
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि जो फाईलें प्रचलन में हैं, सर्वप्रथम उनकी एन्ट्री की तैयारी संबंधित विभागों के शाखा लिपिक करें। दो बड़े स्केनर ई-गवर्नेन्स सोसाईटी द्वारा क्रय किये जा रहे है। जब तक अपने-अपने स्केनर्स से भी फाईलो को स्केन करने का कार्य प्रारंभ कर दें। किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर को लेकर डाउट हो, तो डीआईओ प्रफुल्ल श्रीवास्तव और जिला प्रबंधक ई-गवर्नेन्स सौरभ नामदेव से क्लियर करें। कलेक्टर ने जिला प्रबंधक को ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिग का मॉड्यूल तैयार करायें। शाखा लिपिकों के साथ अधिकारियों को भी ई-दक्ष सेंटर में ट्रेनिंग दिलाई जाये। क्योंकि अपने-अपने कार्यालयों में इसका इम्प्लिमेन्टेशन के साथ इस पर काम जिला अधिकारियों को ही करना है। डीआईओ और जिला प्रबंधक ई-गवर्नेन्स को सॉफ्टवेयर के स्क्रीनशॉट पर आधारित स्टेप टू स्टेप प्रेजेन्टेशन तैयार करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिये।
बैठक में डीआईओ श्री श्रीवास्तव और जिला प्रबंधक ई-गवर्नेन्स श्री नामदेव द्वारा ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी गई। दोनों ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर विंडो-7 में ही चलेगा। डेस्कटॉप सिस्टम में 2 जीबी की रैम होनी चाहिये। इस सॉफ्टवेयर के उपयोग के लिये शासकीय ई-मेल आईडी होना अनिवार्य है। इसलिये सभी संबंधित विभागों के अधिकारी अपने नोडल अधिकारियों से मेल आईडी बनवा लें। फाईलों में से नोटशीट को अलग फोल्डर में स्केन करके रखें। वहीं संबंधित जारी लेटर्स को भी स्केन कर अलग फोल्डर्स में रखा जाये। यूनीकोड फॉन्ट का इस्तेमाल सभी लिपिक करें।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बैठक के अन्त में इस प्रयास को अमूलचूक परिवर्तन बताया। उन्होने कहा कि हम सभी इसकी तैयारियों में अभी से जुट जायें। ताकि जिले में इसका बेहतर क्रियान्वयन हो सके।.
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