कटनी / अपनी रक्षा ही अपनो की सुरक्षा है। बर्ड फ्लू को लेकर सचेत रहें। नागरिकों और पोल्ट्री फॉर्म संचालकों को इस संक्रामक बीमारी की जानकारी दें। उन्हें सुरक्षा के उपाय बतायें। साथ ही विकास खण्ड स्तर पर इस रोग के प्रकोप के नियंत्रण को लेकर प्रकोष्ट भी गठित करें। यह निर्देश बर्ड फ्लू (एविएन एन्फ्लूएंजा) को लेकर आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर डॉ सुनन्दा पंचभाई ने उपसंचालक पशु चिकित्सा सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होने कहा कि इस रोग की रोकथाम के लिये कार्य करने वाले अमले की भी बचाव की चिंता करें। उन्हें बचाव के लिये आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध करायें। बैठक में उपसंचालक पशु चिकित्सा द्वारा बर्ड फ्लू फैलने के कारणों, लक्षणों, उससे बचाव एवं उसकी तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई।
यह है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू मुर्गी पालन व्यवसाय के लिये बड़ा खतरनाक है।
संक्रमित पक्षी के संपर्क में संक्रमण मनुष्यों में भी फैल सकता है।
बर्ड फ्लू के वायरस एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में मुर्गी-पालन व्यवसाय को नुकसान पहुॅंचाया है।
यह वायरस अत्यंत संक्रामक है जिसके कारण मुर्गी-पालन व्यवसाय को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
मनुष्य खासकर बच्चे, अगर बीमार पक्षी की श्लेष्मा (म्यूकस) बीट और पंखों के संपर्क में आ जाये, तो उनमें संक्रमण फैल सकता है।
मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्ले से मिलते जुलते हैं। जैसे सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, जुकाम और नाक बहना। एैसी शिकायत होने पर स्वास्थ्य अधिकारी को तुरन्त इसकी जानकारी दें।
बर्ड फ्लू से एैसे बचें
मुर्गियों के सीधे संपर्क में न आयें। दस्ताने या किसी भी अन्य सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल करें।
पक्षियों के पंख, श्लेष्मा (म्यूकस) और बीट को न छुयें।
छुये जाने की स्थििति में साबुन से तुरंत अच्छे तरीके से हाथ धायें।
मुर्गियों को बाड़े में रखें।
संक्रमित पक्षियों को मारकर उनका सुरक्षित निपटान करें।
बीमार अथवा मरे हुए पक्षी की सूचना पशु पालन विभाग को तुरंत दें। ऐसा करना आवश्यक है। अच्छे से पकाये गये चिकन एवं अण्डे खाने में कोई खतरा नहीं है।
बैठक में पशु पालन विभाग के अधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
यह है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू मुर्गी पालन व्यवसाय के लिये बड़ा खतरनाक है।
संक्रमित पक्षी के संपर्क में संक्रमण मनुष्यों में भी फैल सकता है।
बर्ड फ्लू के वायरस एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में मुर्गी-पालन व्यवसाय को नुकसान पहुॅंचाया है।
यह वायरस अत्यंत संक्रामक है जिसके कारण मुर्गी-पालन व्यवसाय को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
मनुष्य खासकर बच्चे, अगर बीमार पक्षी की श्लेष्मा (म्यूकस) बीट और पंखों के संपर्क में आ जाये, तो उनमें संक्रमण फैल सकता है।
मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्ले से मिलते जुलते हैं। जैसे सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, जुकाम और नाक बहना। एैसी शिकायत होने पर स्वास्थ्य अधिकारी को तुरन्त इसकी जानकारी दें।
बर्ड फ्लू से एैसे बचें
मुर्गियों के सीधे संपर्क में न आयें। दस्ताने या किसी भी अन्य सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल करें।
पक्षियों के पंख, श्लेष्मा (म्यूकस) और बीट को न छुयें।
छुये जाने की स्थििति में साबुन से तुरंत अच्छे तरीके से हाथ धायें।
मुर्गियों को बाड़े में रखें।
संक्रमित पक्षियों को मारकर उनका सुरक्षित निपटान करें।
बीमार अथवा मरे हुए पक्षी की सूचना पशु पालन विभाग को तुरंत दें। ऐसा करना आवश्यक है। अच्छे से पकाये गये चिकन एवं अण्डे खाने में कोई खतरा नहीं है।
बैठक में पशु पालन विभाग के अधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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