भक्त यही भगवान के आगे करता है अरदास सदा, तुझ पर ही विश्वास टिका हो, रहे सदा एहसास तेरा, संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में बहन सोनिया नावानी जी ने विचार व्यक्त किए
कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) परमात्मा ही सत्य है, परमात्मा की प्राप्ति सतगुरु के द्वारा होती है। जब जिज्ञासु सतगुरु की शरण में गया और चरणों पर दंडवत प्रणाम करके उसने कहा, "हे मेरे सतगुरु! मैं तेरी शरण आया हूं, मेरा कल्याण करें।" तब सतगुरु ने ये ब्रह्मज्ञान रूपी दौलत उसकी झोली में डाल दी। सतगुरु माता जी ने भी हम सभी पर विश्वास किया, मौखिक पांच प्राण दिए। तो ये अमोलक दात हमारी झोली में आ गई। जब ब्रह्म ज्ञान मिला, जब निरंकार को देखा तो हूबहू वही निरंकार जिसका धार्मिक ग्रंथों में ज़िक्र है। श्रीमद्भागवत गीता में आता है ना, कि इसे शस्त्र काट नहीं सकता, इसे पानी भीगो नहीं सकता, इसे आग जला नहीं सकती, इसे हवा उड़ा नहीं सकती। ये नापा नहीं जा सकता, इसका ओर है न छोर। जो परमात्मा की निशानियां बताई गईं, वही परमात्मा सतगुरु ने हमें अंग-संग दिखला दिया। निरंकार को देखकर जब इस पर विश्वास हो गया, तो निरंकार को दिखाने वाले सतगुरु पर भी विश्वास टिक गया। उक्त विचार संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में रविवार के सत्संग कार्यक्रम में पवित्र हरदेव वाणी के शब्द पर बहन सोनिया नावानी जी ने व्यक्त किए। आदरणी...