बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने इस ज्ञान में प्यार प्रीत और प्रेम के रंग भरकर इस दुनिया में एक खुशनुमा माहौल बनाया, उनकी वह पंक्ति हम अक्सर सुनते हैं जैसी भी हो परिस्थिति एक जैसी हो मनोस्थिति, संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में महात्मा सुनील मेघानी जी ने विचार व्यक्त किए
कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) सेवा सिमरन सत्संग की बात हरदेव वाणी में आ रही हैं लेकिन इंसान ने जाना ही नहीं तो फिर ये सेवा किस रूप में संसार में कर रहा है और सत्संग भी शब्द और कीर्तन में अपने आपको सीमित रखकर करता है तो सिमरन तो इसके हिस्से में केवल एक रटन मात्र बनकर रह जाता है। सेवा सिमरन सत्संग ज्ञान के बाद ही इंसान के हृदय में बस पाता है हम जिस मिशन से जुड़े हैं उस मिशन का इतिहास देखें एक बार परम सत्कार योग्य राजवासदेव जी कह रही रहीं थीं कि हम जिस पेड़ के फल खा रहे हैं उसके एक एक फल में अनेकों बीज हैं आगे उन्होंने अपने विचारों में फरमाया कि इस फल को खाते हुए हमारा ध्यान हमेशा उस पेड़ की ओर जाता है कि कैसे यह पेड़ लगाया गया किसने इस पेड़ की स्थापना की जिसके कारण हमें यह फल प्राप्त हो रहा है। आज सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का जन्मदिन है हम सब अनेकों अनेकों वर्षों से मना रहे हैं, यह पेड़ बाबा बूटा सिंह जी ने 1929 में लगाया। उक्त विचार संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में रविवार के सत्संग में महात्मा सुनील मेघानी जी ने उपस्थित साध संगत के समक्ष व्यक्त किए। साध संगत, वह कितना कठिन दौर था आज...