मैं रोज सत्संग क्यों जाऊं why should i go सत्संग every day ? Reason क्या है रोज सत्संग आने का ? धैर्य की तार भी मजबूत रहे वो न छोड़ें, संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में बहन कसक हरजानी जी ने विचार व्यक्त किए
कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) मुझे सतगुरु ने सेवा सत्संग सिमरन भक्ति से जोड़ा है प्रति दिन आप संतों का भी दर्शन करें सत्संग भी जाएं सेवा भी करें सिमरन भी करें। मैं रोज सत्संग क्यों जाऊं why should i go सत्संग every day ? Reason क्या है रोज सत्संग आने का ? सतगुरु इतनी अपार कृपा कर रहे होते हैं कि बता रहे हैं कि रोज सत्संग आने पर यह मन को मजबूती देते हैं और जब हम संतों के दर्शन करते हैं, जब हम उनसे मिलते हैं एक positivity मेरे अंदर आ जाती है, positivity आ गई तो जाहिर सी बात है यह हमारे मन को इतना इतना पावरफुल कर देते हैं, इतना मजबूत कर देते हैं कि negativity नही आती, इसलिए सत्संग आना its necessary for us हर एक के लिए जरूरी है, यह भक्ति हर एक के लिए जरूरी है। तब ही बार बार आवाज दे रहे हैं कि आ जाइये, दर्शन कर लीजिए। उक्त विचार संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में अवतार वाणी के शब्द पर बहन कसक हरजानी जी ने व्यक्त किए।
जो दिन रात जुबां से तू ही तू करते हैं उनका जीवन सरल और सहज हो जाता है। जीवन तो तब भी जीते थे अब भी जी रहें हैं then what was the changes ? ( क्या बदलाव आया ? ) the changes is this तो change यही आ गया मेरे अंदर कि मुझे उसने यह powerful शक्ति से जोड़ दिया। हर एक के लिए भक्ति जरूरी है लेकिन कौन सी भक्ति हर इंसान कर रहा है ? भक्ति अपने हिसाब से हर इंसान कर रहा है। चौबीस घंटे दिन में होते है हर वक्त इंसान काम कर रहा होता है उसमें से एक घंटा भी इंसान इसे जान कर भक्ति कर ले तो वारे न्यारे हो जाते हैं और जो दिन रात जुबां से तू ही तू करते हैं तो सोचिए, उनका जीवन कितना सहज और सरल हो जाता है।
दिलों में अंधकार छाया हुआ था दूर भगाया सतगुरु ने लाखों कमियां थीं मुझमें तब भी अपनाया सतगुरु ने। मुझसे कुछ पूछा नहीं गया यह कृपा कर रहे हैं और मुझे कहा सेवा, सत्संग, सिमरन इस भक्ति से जुड़ जाओ। तभी तो कहा गया है कि तेरा ये लोक सुखी परलोक भी सुहेला कर दिया यहां बिन मांगे सब कुछ मिल जाता है। ये तो हर पल कह रहा है कि मैं दे रहा हूँ, तू विश्वास रख मुझपे। साधसंगत, कठिनाई जब आती है बहुत सारी जब समस्याएं चारों ओर से घेर लेती हैं तभी clear कर रहे होते हैं कि मैं तब भी तेरे साथ था अब भी तेरे साथ हूँ परेशान मत होना।
I want my heart clean, My heart also clean but my mind should also clean कि अपना हृदय हम ने साफ कर दिया हम अपने दिमाग को भी साफ रखें। अगर सवालों के जंजाल में फंसे रहेंगे तो भक्ति सहज में नहीं हो पाएगी। जीवन में संघर्ष तो खत्म नहीं होंगे ये तो चलते नहीं रहेगा लेकिन हाँ एक जो पावर मुझे ये दे रहे है कि संघर्ष रहेगा, तुझे उससे निकलना कैसे है ये ही मुझे वो बतला रहे हैं। सुख और दुख ये दोनों चीज आनी जानी है ये दोनों नहीं टिकती अगर विश्वास मजबूत है, क्योंकि यह हर पल मेरे साथ है, अंग संग है तो विश्वास को हर पल मजबूत रखें। हर घड़ी, हर क्षण, ना की सिर्फ अभी। मन पल पल में चेंज होता है अभी कुछ है, फिर कुछ और है। तो इसको मजबूत कौन कर रहा है ? पक्का कौन कर रहा है ? कि तुझे गिरने नहीं देता है।
प्रति दिन मुझे संगत करनी पड़ेगी। कुछ चीजों में वक्त लगता है, समय लगता है तभी वो कह रहे हैं धैर्य का दामन न छोड़ो। धैर्य की तार भी मजबूत रहे वो न छोड़ें क्योंकि इसके बिन हम कुछ भी नहीं। जिस तरह मछली पानी के बगैर नहीं रहती ठीक वैसा ही हाल है मेरा। जब ये जीवन की यात्रा पूरी हो जाएगी तो यही पूछा जाएगा कि क्या किया ? तब भी यह राम नाम रूपी निरंकार ही काम आएगा। सत्संग कार्यक्रम में अनेक वक्ताओ ने गीत विचार के माध्यम से भी अपने भाव प्रकट किए।
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