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अच्छा काम करने वालों को समाज अपना समर्थन दे, समाज को सही दिशा देना सिंधी सेंट्रल पंचायत का काम होता है

कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के चुनावों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है तो वहीं इसे लेकर कुछ सवाल और अहम धारणाएं भी आम सिंधी समाज के बीच बन रहीं हैं। जैसा कि सिंधी समाज अपनी एकता और आम राय के बाद होने वाले फैसलों से समाजिक कदम उठाता आया है और ऐसा उसका इतिहास है और इसलिए यह जाना भी जाता है और यही परंपरा अभी तक कायम चली आई है जिसका उदाहरण पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत माधवनगर और शांति नगर की पंचायत है। हालांकि कटनी शहर में जरूर चुनाव होते आए हैं जिसके बाद ही सिंधी सेंट्रल पंचायत अध्यक्ष चुना जाता है।


चुनाव होना लोकतंत्र का परिचायक है उस सूरत में जब प्रतिनिधित्व शासकीय संस्थाओं में करना होता है लेकिन यहां तो समाज के बीच ही प्रतिनिधित्व करना होता है वह भी सेवा कार्यों को लेकर ऐसे में समाज के बड़े बुजुर्गों की राय और समाज की आम सहमति इस बात को लेकर भी है कि क्यों नही ऐसा माहौल निर्मित हो जिससे एक ही समाज के बीच चुनावों को लेकर अलग अलग गुट न बन जाएं क्योंकि यही गुटबाजी खींचतान को जन्म देती है। 

देखा जाता है माधवनगर और शांति नगर पंचायत को लेकर इस बात की स्वतंत्रता रहती है कि उसमें हस्तक्षेप न हो और ना ही ऐसा होता आया है लेकिन जैसे ही पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के चुनाव होते हैं उसमें अपने पसंदीदा उम्मीदवार को जिताने के हर संभव प्रयास किए जाते हुए पूर्व में देखे जाते रहे हैं और इस बार भी चुनाव में ऐसा होना ही लगता है। एक ही शहर में समाज की तीन पंचायतें कार्य कर रही हैं ऐसे में अगर निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की परंपरा अगर कायम की जाए तो यह एक उदहारण भी बन सकता है और अगर चुनाव ही एक रास्ता बचता है तो सिंधी सेंट्रल पंचायत में चुनाव होकर ही रहेंगे। 

ऐसे में चुनाव में भागीदारी करने सुयोग्य जनों को उतरना ही पड़ेगा और उसे चुनने के दौरान किसी तरह की खींचतान न हो और अच्छा काम करने वालों को समाज अपना समर्थन दे। समाज ही तय करे कि कौन सामाजिक व्यक्ति हर लिहाज से अच्छा और उपयुक्त है उसे जीता कर अपना प्रतिनिधित्व प्रदान करे क्योंकि चुनाव अच्छे के लिए अवसर भी होता है समाज को सही दिशा देना भी पंचायत का काम होता है।

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